Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। भोर में प्रभु जगन्नाथ ने नववेश में दर्शन दिए, जिससे श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल रहा।
कोलकाता। स्नानयात्रा के बाद 15 दिनों के 'अनसर' यानी विश्रामकाल के बाद गुरुवार तड़के दीघा स्थित जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। भोर में प्रभु जगन्नाथ ने नववेश में दर्शन दिए, जिससे श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल रहा।
परंपरा के अनुसार, स्नानयात्रा के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाते हैं और 15 दिनों तक विश्राम करते हैं। इस दौरान मंदिर के मुख्य द्वार आम लोगों के लिए बंद रहते हैं। लेकिन गुरुवार सुबह 6:30 बजे मंदिर के गर्भगृह के द्वार खोले गए। प्रभु के दर्शन के लिए सुबह 5:00 बजे से ही मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं की कतारें लग गईं।
इस दिन विशेष अनुष्ठानों की शुरुआत मंगला आरती से हुई। दोपहर में रस्सी पूजा का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल होने की संभावना है। शुक्रवार को रथयात्रा का आयोजन होगा, जिसका उद्घाटन भी मुख्यमंत्री करेंगी। इसी कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को ही दीघा पहुंच चुकी हैं।
मंदिर समिति के अनुसार, गुरुवार को भगवान जगन्नाथ को विशेष रूप से सजाया गया। उन्हें जगाया गया, दांत साफ कराए गए, नए वस्त्र पहनाए गए और फूलों की माला से श्रृंगार किया गया। सुबह 7:00 बजे पूजा के बाद उन्हें प्रातः भोजन अर्पित किया गया। इसके बाद दिनभर पूजा, कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान चलते रहे।
15 दिनों के उपवासकाल के बाद इस दिन प्रभु का मध्याह्न भोजन आयोजित किया गया, जिसमें 56 भोग की व्यवस्था की गई। जानकारी के अनुसार, 50 विदेशी भक्त पहले ही दीघा पहुंच चुके हैं। वे अपने हाथों से प्रभु के पसंदीदा व्यंजन बनाएंगे। इसके अलावा इस्कॉन से आए साधु-संत भी प्रभु के लिए भोजन तैयार करेंगे।